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अमा शामी दूई दिन बादे-बादे अमार घरे ठाकतो।
किन्तो जे दिन अमार शामी अमार घरे ठाकतो ना,
अमार काछे मन होतो जा अमार साथे केवो एक जोन एशे ठाके।
किन्तो अमी अमार घुमेर कारणे कौनु केछुई तेर पाइ ना।
एक दिन अमी सिर्धानतो निराम उइ राते आर घुमाबो ना।